सत्संग
सत्संग
बहुत लोग बैठते हैं सत्संग में,पर सत्संग बहुत कम लोगों में बैठता है।
कुर्सी पर बैठे हैं सब, मन भटक रहा है,कहीं और, किसी और के साथ डूबा हुआ है।।
कानों से सुन रहे हैं सब,पर शब्दों का अर्थ समझ नहीं आता है।
मन में उलझनें हैं, प्रश्न हैं,पर पूछने का साहस नहीं होता है।।
सत्संग का असली अर्थ क्या है? यह तो बस एक दिखावा है।
मन में शांति नहीं, आत्मा में उथल-पुथल है,तो सत्संग का क्या फायदा?
सत्संग का असली अर्थ है,मन को शांत करना, आत्मा को जगाना। अपने अंदर झांकना, सच को जानना।।
जब तक यह नहीं होगा,सत्संग का कोई फायदा नहीं है।
इसलिए सत्संग में बैठने से पहले,मन को तैयार करना जरूरी है।
अपने अंदर झांकने के लिए तैयार होना जरूरी है।।
तब ही सत्संग का असली अर्थ समझ में आएगा,और जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।।