सत्य ही शिव
हंसना- रोना, कभी पाना- खोना
जीवन में सब का महत है जानो।
अच्छा लगे या बुरा किसी को
सत्य को समझो सत्य को मानो।
जनम- मरण के मध्य का पल
है जीवन, इसके खेल को जानो ।
धरम -करम से चलता जीवन
दया ही धर्म है धर्म को मानो ।
कांटे बो कर फूल की चाहत
भ्रम को छोड़ सत्य पहचानो ।
जो तुम बाटोगे वही मिलेगा,
संसार में प्रचलित रीत को मानो।
किसके हिस्से है कितनी मेहनत
अपने उत्तरदायित्व को जानो।
कर्म के साथ ही जुड़ी है किस्मत
कर्म का फल ही भाग्य है मानो।
ऊपर बैठ हिसाब करे जो
भूल ना उसके लेख में जानो ।
अगले पिछले का ज्ञान है उसको,
सत्य ही शिव है,शिव को मानो।
लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’
खरियार रोड, ओड़िशा।