सत्य हित
सत्य तेल की बूँद सम ,घुलता कब वह पानी में ।
जल के ऊपर तैरता, डालो चाहे नाली में ।।
बिना मिलावट ही सदा, सत्य बसा हर प्राणी में ।
सत्य चरित्र पोषक है,सत्य झलकता वाणी में ।।
मानव जीवन से जुड़ी,है अनेक परेशानियां ।
सत्य हित जो मार्ग चले,इष्ट की मेहरबानियां।