सत्य को फांसी पर चढ़ाई गई
सत्य को फांसी पर चढ़ाई गई ।
एक दिन सत्य पर झूठ के द्वारा
मनगढ़ंत मुकदमा लिखवाई गई।
बात ज्यादा लोगों तक पहुंचे
इस वास्ते अखबार में छपवाई गई ।
जो कुछ हुआ नहीं उसी बात को
कोर्ट में बार-बार दोहराई गई।
बात जब न मानी गई झूठ का
तब पैरवी ऊपर से करवाई गई।
रपट में रत्ती भर न थी सच्चाई
फिर भी कार्रवाई करवाई गई।
सत्य बेकसूर था इसके बाबजूद
उसे अपराधी करार करवाई गई।
झूठ मूंछ ऐंठता निकला कोर्ट से
सत्य को फांसी पर चढ़ाई गई।