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1 Apr 2024 · 1 min read

सत्य की राह

-सत्य की राह
सत्य की खोज की अनेक राह है,
जानकर ऐसा,,,,,
खोज करने को हर मानव चिल्ला रहा है,
कि मुश्किल से वो भरा है,
आसान नहीं चलना वहां,,
त्याग करना पड़ता है ,
अपनों से बिछड़ना पड़ता है,
पसीना श्रम से बहाना पड़ता है,
धैर्य पूर्वक सहजता से
सत्य को खोजना पड़ता है।
कहे जमाना पागल,सनकी तुम्हें,,
मौन रह सुनना सब पड़ता है,
तब कहीं जाकर
सत्य के सोपान पर कदम पड़ता है,
हौंसला बुलंद हो तभी
सत्य की सीढ़ियां को पार करना पड़ता है,
मिलती हैं मंजिल सत्यं की
अपार हर्ष मन को मिलता है।
होगा वो कोई विरला,,
जो इस राह पर चलता है,
सहकर कर कष्ट अनेक
खुद के नामके साथ देश का भी
नाम रोशन करता है।।

-सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान

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