सत्य की राह चल.!
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कभी नहीं होती है झूठ की जीत!
जीत सदा होती है सत्य की जीत!!
इंसान चाहे जितना बोल ले झूठ!
एक दिन पकड़ा ही जाता है झूठ!!
झूठी जिन्दगी भी कोई जिन्दगी है!
जो सत्य से डर-डर कर जीती है!!
हे मनुज! एक बार टूट गया विश्वास!
तो फिर तुझपर, कौन करेगा विश्वास.?
हे मनुज! झूठ बोलना नहीं है सही!
एक बार सत्य की राह चल तो सही!!
हे मनुज! झूठ से मिलता है अपमान!
हे मनुज! सत्य से मिलता है सम्मान!!
सत्य का साथ दें, ईश्वर भी देगा साथ!
अन्यथा जीना होगा, अवज्ञा के साथ!!
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल=
===*उज्जैन*{मध्यप्रदेश}*====
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