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7 Oct 2021 · 1 min read

सत्य की जीत

जीत होती है अंत में सत्य की
जानते है ये बात हम लोग सभी
उजाला हो ही जाता है आखिर
भला हमेशा रहती है रात कभी।।

हमने सुना है ये, अंत में रावण को
भी उसका अहम ही मार गया,
था महान योद्धा लेकिन खुद को,
तीनों लोकों का स्वामी मान गया।।

कोई योद्धा न हरा सका उसको
उसके ही कर्म आखिर भारी पड़ गए
सीता जी को बल से, छल से हरा उसने,
प्रभु अपने हाथों से उसके प्राण हर गए।।

था घमंड कंस को भी
खुद को भगवान समझता था
लेकिन मौत के डर से
वो भी बौखला गया था

चला था प्रभु का अंत करने
अपनी शक्ति के नशे में पड़ गया था
भर गया जब पाप का घड़ा
वो प्रभु के हाथों ही मारा गया था।।

थे पांडव पांच और कौरव पूरे सौ
न था कोई मुकबला शक्ति का बीच उनके
जीत हुई आखिर पांडवों की ही
क्योंकि थे सत्य और धर्म साथ में उनके।।

पड़ता है सत्य हमेशा भारी
झूठ हो कितना भी बलवान
जीत होती है सत्य की हमेशा
बस बने रहो तुम धर्मवान।।

अच्छा लगता है आसान रास्ता
लेकिन है धर्म उसके साथ नहीं,
राह धर्म की है कठिनाई वाली
लेकिन चलना उस पर है आसान नहीं।।

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 560 Views
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