सत्य की खोज, कविता
——————————–
कविता -सत्य की खोज
——————————–
चक्की में घिसना पड़ेगा
सत्य की खोज में।
तपना पड़ेगा
साधन और साध्य के
गहन मध्याकाश में दीप्त
अर्चियों की लौ में।
सत्य की गहनता में
समाहित होना
कठिन परीक्षा होती है
साधक की।
सत्य सनातन के शीर्ष
तक पहुंचने में तपाना होगा
समिधा की तरह जलना होगा
सत्य की खोज में।।
चक्की में घिसना पड़ेगा
सत्य की खोज में।।
सत्य संग तादात्म्य के बिना
असम्भव है पंचतत्व के
अस्तित्व को समझना।
डूबना पड़ेगा,सत्य रस
में भींगना पड़ेगा।
सत्यम् शिवम् सुंदरम्
जीवन के यथार्थ धारा में
स्व के प्रज्वलित विद्वेष
की अग्नि की शांति के लिए
चक्की में घिसना पड़ेगा
सत्य की खोज में।।
••© मोहन पाण्डेय ‘भ्रमर ‘
हाटा कुशीनगर उत्तर प्रदेश
2 मार्च 2024, मंगलवार