सत्य का साथ
सत्य का साथ
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सत्य का साथ
नहीं छोड़ूँगा
झूठ की बांह
हर समय मरोड़ूंगा
यह राह नहीं आसान
मैं जानता हूं
पांव हो जायें
लहुलुहान और मंजिल
मिले न मिले
सत्य का दामन
कभी न छोड़ूंगा
सुकरात नहीं मैं
न ही बना मैं मीरा
जहर प्याला
समय समय पर
हर बार मिला
मैं भी समय
से आँख मिला
कर पूछूंगा
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राजेश’ललित