सत्यमेव जयते
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की शब्दों का जन्म दिल से होता है और मतलबी शब्दों से मिल कर बने वाक्यों का जन्म दिमाग से होता है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आता है जब आपको खालीपन महसूस होता है और यही समय आपको आप से मिलवाता है जहाँ आप अपनी कमियां -दोष -गलतियां -गुनाह ढून्ढ सकते हो और अपनी अंतरात्मा से मिल सकते हो …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की झूठ -झूठ ही होता है चाहे वो किसी की भलाई के लिए ही क्यों ना हो और कई बार वो एक झूठ को छुपाने के लिए आपको अनगिनत झूटों का सहारा लेना पड़ता है जो की आपके मन मस्तिष्क बुद्धि ह्रदय को प्रभावित करता है ,रिश्तों में गलतफहमियां और दूरी पैदा करता है ,यथा संभव सत्य का अनुसरण करें -सत्यमेव जयते …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की इस दुनिया में जो सीधा होता है उसे ठोक दिया जाता है और जो टेड़ा होता है से छोड़ दिया जाता है फिर चाहे वो कील हो -पेड़ हो या इंसान …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान