सत्यता से सामना
#मुक्तक : सत्यता से सामना
नर कभी तो होगा तेरा, सत्यता से सामना
अन्त में तुझको पड़ेगा, उसका दामन थामना
मृत्यु सत्य ज़िंदगी का, फिर क्यूं पीछे भागता
ईश का गुणगान कर, त्याग मिथ्या कामना।।
मोह के बंधन में बंधकर, क्यूं अधर में झूलता
लोभ लालच से हृदय में, आ बसी प्रतिकूलता
भाव शून्य हो गया क्यूं, ये सघन हृदय तेरा
बन अधर्मी आज नर तू, धर्म को क्यूं भूलता।।
स्वरचित
योगी रमेश कुमार
जयपुर, राजस्थान