सत्यता वह खुशबू का पौधा है
सत्यता वह खुशबू का पौधा है
जिसको आप काट दोगे छांट दोगे
फिर भी उसमें खुशबू तो आती ही रहेगी
यही सत्यता की पहचान है
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा
सत्यता वह खुशबू का पौधा है
जिसको आप काट दोगे छांट दोगे
फिर भी उसमें खुशबू तो आती ही रहेगी
यही सत्यता की पहचान है
सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा