Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2023 · 2 min read

***** सतबीर गोयत की सेवानिर्वति पर ****

***** सतबीर गोयत की सेवानिर्वति पर ****
************************************

सेवानिवृति की बेला पर सेवा का क्या दाम दूँ,
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ।

माँ छन्नो देवी ने कोख से जन्मा सुंदर लाल था,
5 मार्च 1965 का दिन बहुत मनोरम काल था,
पिता रणजीत सिंह खुशियों से मालामाल था,
गांव जै जैवंती में बधाईयों से मचा धमाल था,
वहाँ की पावन मिट्टी को नतमस्तक प्रणाम दूँ।
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ।

वर्ष 1992 में शिक्षा जगत में नौकरी थी पाई,
विज्ञान शिक्षक के रूप मे शुरु की नेक कमाई,
तन -मन से अध्यापन कर करी समाज भलाई,
मास्टर से हैडमास्टर के पद पर तरक्की पाई,
तुम्हारे अथक प्रयासों को मै न कहीं विराम दूँ।
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ।

अंध्यापक संघ में शामिल होकर चेतना जगाई,
सरकारी फरमानों के खिलाफ आवाज उठाई,
सत्ता पे आसीन जनों की रातों की नींद उड़ाई,
यूनियन के विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी निभाई,
जिज्ञासु संघर्षशील सच्चे योद्धा का मै नाम दूँ।
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ।

संघर्ष के आगे जीत ही होती दिया यही नारा,
मुश्किल पथ पर चलकर कभी न हिम्मत हारा,
आंदोलन की राह पकड़कर जोर लगया सारा,
सरकारी महकमे बचाने हेतु काम किया न्यारा,
बहुत किया है काम अब थोड़ा सा विश्राम द्दूँ।
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ।

आर पार की टककर मे हौसला न कम किया,
चौगिर्दे घेर कर सरकार की नाक मे दम किया,
विजय पताका फहराने बड़ा ज्यादा श्रम किया,
सच्ची निष्ठा से जीवनभर यूँ अपना कर्म किया,
बड़ी लड़ी जंग जन-गण की अब तो आराम दूँ।
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ ।

भरतार बन भार्या का सारथी का फर्ज निभाया,
मान मर्यादा मे रहकर कुटुंब सम्मान भी बढ़ाया,
उतार चढ़ाव भरे जीवन में जग मे नाम कमाया,
पिता की रीत निभाकर बच्चों को खूब पढ़ाया,
गर्म हवा न छू पाये दामन हर हसीन शाम दूँ।
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ।

गोयत सरीखे दबंग नेता की है कोई रीस नहीं,
मनसीरत करे कविताई उनपर भारी बीस नहीं,
वक्त आया सेवानिर्वती का है मिटती टीस नहीं,
निर्भय हो कर लड़ी लड़ाई ली कोई फीस नहीं,
जन शिक्षा अधिकार मंच योद्धा को ईनाम दूँ।
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ।

सेवानिर्वती की बेला पर सेवा का क्या दाम दूँ।
सतबीर गोयत के जज्बे को दिल से सलाम दूँ।
************************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
175 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रयास जारी रखें
प्रयास जारी रखें
Mahender Singh
(21)
(21) "ऐ सहरा के कैक्टस ! *
Kishore Nigam
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
सत्य कुमार प्रेमी
धानी चूनर
धानी चूनर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Meri najar se khud ko
Meri najar se khud ko
Sakshi Tripathi
शायरी - संदीप ठाकुर
शायरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पिरामिड -यथार्थ के रंग
पिरामिड -यथार्थ के रंग
sushil sarna
परेशानी बहुत ज़्यादा है इस दुनिया में जीने में
परेशानी बहुत ज़्यादा है इस दुनिया में जीने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
बेफिक्री की उम्र बचपन
बेफिक्री की उम्र बचपन
Dr Parveen Thakur
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
हार गए तो क्या हुआ?
हार गए तो क्या हुआ?
Praveen Bhardwaj
"बारिश की बूंदें" (Raindrops)
Sidhartha Mishra
प्रेम पाना,नियति है..
प्रेम पाना,नियति है..
पूर्वार्थ
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
Sandeep Kumar
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
मैं क्या लिखूँ
मैं क्या लिखूँ
Aman Sinha
"प्रेमी हूँ मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
जमात
जमात
AJAY AMITABH SUMAN
जहां हिमालय पर्वत है
जहां हिमालय पर्वत है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Surya Barman
कायम रखें उत्साह
कायम रखें उत्साह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बचपन
बचपन
Kanchan Khanna
सौंदर्य मां वसुधा की🙏
सौंदर्य मां वसुधा की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तो मेरे साथ चलो।
तो मेरे साथ चलो।
Manisha Manjari
भारत वर्ष (शक्ति छन्द)
भारत वर्ष (शक्ति छन्द)
नाथ सोनांचली
24/254. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/254. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
रिश्ते चंदन की तरह
रिश्ते चंदन की तरह
Shubham Pandey (S P)
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
Shiva Awasthi
Loading...