Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2023 · 1 min read

सतत कर्म ( स्वभाव)

बादल को समझा दे कोई, सागर में बरस के करेगा क्या।
पैदाइश हो अग्निकुंड की, सूरज की तपिश से मरेगा क्या।।
चंदा को समझा दे कोई, चंदन को शीतल करेगा क्या।
धरती सा हो धैर्य धरा जो, आकाशी हलचल करेगा क्या।।
मानव को समझा दे कोई, वो परमारथ कर करेगा क्या।
दिया कष्ट है मात पिता को, औरों का दुख हरेगा क्या।।
पापी को समझा दे कोई, अब मायापति का करेगा क्या।
नख-सिख में हों पाप कर्म, गंगा स्नान से वो तरेगा क्या।।

Language: Hindi
458 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मुहब्बत का इज़हार मांगती ज़िंदगी,
मुहब्बत का इज़हार मांगती ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
टूटे ना नेहिया की तार
टूटे ना नेहिया की तार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
3089.*पूर्णिका*
3089.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे;
चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे;
ओसमणी साहू 'ओश'
प्रेम की मर्यादा
प्रेम की मर्यादा
singh kunwar sarvendra vikram
वो अनजाना शहर
वो अनजाना शहर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सज गई अयोध्या
सज गई अयोध्या
Kumud Srivastava
एक
एक "सहेली" एक "पहेली"
विशाल शुक्ल
ज़िंदगी से गिला
ज़िंदगी से गिला
Dr fauzia Naseem shad
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दूर क्षितिज तक जाना है
दूर क्षितिज तक जाना है
Neerja Sharma
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
gurudeenverma198
क्या होता है रोना ?
क्या होता है रोना ?
पूर्वार्थ
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
Dheerja Sharma
मानवता का मुखड़ा
मानवता का मुखड़ा
Seema Garg
लेखक कि चाहत
लेखक कि चाहत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*गणेश चतुर्थी*
*गणेश चतुर्थी*
Pushpraj Anant
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
"कहने को "
Dr. Kishan tandon kranti
তুমি জে স্যাং থাকো তো
তুমি জে স্যাং থাকো তো
DrLakshman Jha Parimal
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
Manoj Mahato
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
विजय कुमार अग्रवाल
लोग तुम्हे जानते है अच्छी बात है,मायने तो यह रखता है की आपको
लोग तुम्हे जानते है अच्छी बात है,मायने तो यह रखता है की आपको
Rj Anand Prajapati
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
ସେହି ଫୁଲ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
Loading...