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3 Aug 2024 · 1 min read

सतगुरु

सतगुरु तरवर ज्ञान रौ, फल देवै संसार।
प्रीत करै नर पाय’लै, भर लैवै भंडार।।

जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया…✍️

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