Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2024 · 1 min read

“सतगुरु देव जी से प्रार्थना”……💐

तुम मिलो तो मुझे उसका पता बतला देना,
मैं गंदा हूँ वहाँ जाने से पहले मुझे नहला देना ।।

कोयले की गुफा में काम करके काला हो गया हूँ,
उसके पास बैठ सकूँ ऐसे उजले कपड़े पहना देना ।।

मैं दागदार हूँ अंदर बाहर से मुझे साफ कर देना,
सफेद कपड़े पहनाकर मुझे उसके पास ले चलना ।।

अंदर से बंद मेरी आँखों में भी पानी के छींटे मार देना,
गूँगी आवाज सुन सकूँ उसकी कानों में तेल डाल देना ।।

मुझे बहुत डर लग रहा है शरीर काँप रहा है मेरा,
मुझे प्यार करे कुछ ऐसा उसे मेरे बारे में बतला देना ।।

तुम उसके खास हो उसके हर इशारे को समझते हो,
मैं नया हूँ कोई गलती ना कर दूँ मुझे समझाते रहना ।।

मैं अभी कच्चा हूँ गीली मिट्टी से बना हूँ, मुझे आग में पका देना,
वो मुझे ठोक बजाकर देखे और उठा ले इतना मजबूत बना देना ।।

रास्ता कठिन है आसान नहीं है कोई मंत्र मुझे दे देना,
मैं छोड़कर ना भागूं उसके द्वार तक मेरा हाथ पकड़ लेना ।।

मैं अभी बहुत छोटा हूँ, बहुत खोटा हूँ पेड़ तक पहुँचता नहीं,
सतगुरु मुझे कंधों पर बिठाकर वो मीठे फल चखा देना ।।
prअstya……..(प्रशांत सोलंकी)

Language: Hindi
1 Like · 9 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
चमक..... जिंदगी
चमक..... जिंदगी
Neeraj Agarwal
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
पूर्वार्थ
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
श्री गणेश का अर्थ
श्री गणेश का अर्थ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*बचकर रहिएगा सॉंपों से, यह आस्तीन में रहते हैं (राधेश्यामी छंद
*बचकर रहिएगा सॉंपों से, यह आस्तीन में रहते हैं (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
जब किनारे दिखाई देते हैं !
जब किनारे दिखाई देते हैं !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँ
गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पछतावे की अग्नि
पछतावे की अग्नि
Neelam Sharma
हम किसी सरकार में नहीं हैं।
हम किसी सरकार में नहीं हैं।
Ranjeet kumar patre
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
कवि रमेशराज
अपने-अपने संस्कार
अपने-अपने संस्कार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जन कल्याण कारिणी
जन कल्याण कारिणी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तुम मेरा हाल
तुम मेरा हाल
Dr fauzia Naseem shad
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
..#कल मैने एक किताब पढ़ी
..#कल मैने एक किताब पढ़ी
Vishal Prajapati
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
sushil sarna
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
3274.*पूर्णिका*
3274.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"रचो ऐसा इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
आगे हमेशा बढ़ें हम
आगे हमेशा बढ़ें हम
surenderpal vaidya
पात कब तक झरेंगें
पात कब तक झरेंगें
Shweta Soni
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
Subhash Singhai
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
गोलियों की चल रही बौछार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
शेखर सिंह
Loading...