Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2023 · 2 min read

सड़क

सड़क
————

सोनू, मोनू, राज और टींकू चारों में गहरी मित्रता थी। चारों मित्र एक साथ खेलते-कूदते और साथ साथ विद्यालय आते जाते थे। शरारत करने में कोई किसी से कम नहीं था।
एक दिन की बात है। विद्यालय से छुट्टी के वक़्त चारों घर की तरफ जा रहे थे। रास्ते में एक सड़क पड़ती थी, जिसको पार कर घर की तरफ जाने का रास्ता था। विद्यालय वापसी के समय सड़क पर फेंककर खूब हँसते थे, सिर्फ इस बात पर कि अब तक कितनी गाड़ियाँ पक्चर हुईं। ये काम चारों रोज करते थे।
सड़क किनारे बहुत से पेड़ पौधें लगे थे। प्रत्येक दिन की तरह वह आज भी चारों कुछ देर के लिए उसमें छुप गये और सड़क पर कुछ नुकीली कील फेंककर देखने लगे कि देखें, आज किस की गाड़ी पक्चर होती है? तभी अचानक एक गाड़ी रूकी, जिसकी पहिये में बहुत सी कीलें लग गयी थीं। कीलें लगने से गाड़ी पक्चर हो गयी। चारों मित्र देखने लगे। तीन मित्र जोर-जोर से खूब हँसे कि आज तो नयी-नयी बाइक पक्चर हो गयी। पर मोनू नहीं हँसा। वह दुःखी था क्योंकि वह बाइक मोनू के पिताजी की थी।
वह अपने पिता को दुःखी देखकर बहुत परेशान होकर रोने लगा। अपने मित्र को रोता देख सभी परेशान हो गये। सोनू बोला-, “हम लोग रोज हँसते थे। कभी सोचा नहीं था कि छोटी सी कील की शरारत से कोई रो भी सकता है। हम सब इसे खेल समझकर खेलते थे, पर आज विश्वास हो रहा है कि हम सब गलत काम करते थे। टीचर हमे प्रतिदिन सिखाते हैं कि हमें किसी को दुःख नहीं देना चाहिए। कोई देखे न देखे, पर ईश्वर देख रहा है।
चारो मित्रों ने ईश्वर से माफी माँगते हुए निश्चय किया और आपस में प्रतिज्ञा की कि-, “अब वे कोई गलत काम नहीं करेंगे। अच्छे काम करके आगे बढ़ेंगे।
पढ़-लिखकर सभी के काम आयेंगे और जीवन के सच्चे आनन्द को प्राप्त करेंगे। आज तक हमने बहुत से लोगों को दुःख दिया है। अब हम लोगों की खुशियों का ध्यान रखेंगे।” ऐसा निश्चय कर चारों मित्र घर लौट आये।

शिक्षा-
हमें किसी को भी मन, वचन और कर्म से दु:खी नहीं करना चाहिए, अन्यथा एक दिन हमें उसका परिणाम भुगतना पड़ता है।

शमा परवीन
बहराइच (उत्तर प्रदेश)

2 Likes · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
Rakshita Bora
तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
सुनो !!!!
सुनो !!!!
shabina. Naaz
शब्द
शब्द
Shashi Mahajan
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
3010.*पूर्णिका*
3010.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
कवि रमेशराज
सफलता के लिए हमें अनुभव के साथ तर्कसंगत की भी आवश्कता है, तभ
सफलता के लिए हमें अनुभव के साथ तर्कसंगत की भी आवश्कता है, तभ
Ravikesh Jha
*रामपुर से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक पत्रों से मेरा संबंध*
*रामपुर से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक पत्रों से मेरा संबंध*
Ravi Prakash
"तलाश में क्या है?"
Dr. Kishan tandon kranti
शिवाजी
शिवाजी
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में  होती है पर
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में होती है पर
DrLakshman Jha Parimal
काश.......
काश.......
Faiza Tasleem
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
शेखर सिंह
जन्मदिन विशेष :
जन्मदिन विशेष :
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
The_dk_poetry
कह दो!
कह दो!
©️ दामिनी नारायण सिंह
आज शाम 5 बजे से लगातार सुनिए, सियासी ज्योतिषियों और दरबारियो
आज शाम 5 बजे से लगातार सुनिए, सियासी ज्योतिषियों और दरबारियो
*प्रणय*
आप रखिए ख़्याल बस अपना,
आप रखिए ख़्याल बस अपना,
Dr fauzia Naseem shad
स्मरण और विस्मरण से परे शाश्वतता का संग हो
स्मरण और विस्मरण से परे शाश्वतता का संग हो
Manisha Manjari
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
"मुश्किलों के प्रभाव में जी रहे हैं ll
पूर्वार्थ
नव वर्ष पर सबने लिखा
नव वर्ष पर सबने लिखा
Harminder Kaur
शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
Dr. Man Mohan Krishna
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
"लफ्ज़...!!"
Ravi Betulwala
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
Shashi kala vyas
Loading...