सडक समतल या पहाड़ी, सहज चलना हमें ही है l
सडक समतल या पहाड़ी, सहज चलना हमें ही है l
यूँ हँसना हमें ही है, यूँ रोना हमें ही है ll
जग तिकड़मी सोच साथ, बस जीना हमें ही है l
गर कुछ बिगड़ जाए तो, सुधारना हमें ही है ll
गर करना नही है तो , बस मरना हमें ही है l
मंजिल सबा, ना होती, पहुंचना हमें ही है ll
प्रीत आदर नहीं मिले, कुछ करना हमे ही है l
सहज मिलना, घर बनाना बसाना हमे ही है ll
भूख ही भूख लगे तो, मुह भरना हमें ही है l
अगर प्यास है लगे तो, जल पाना हमें ही है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न