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26 Mar 2024 · 1 min read

सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।

सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
लोहे पर पारस घिसो, सोने जैसी शान।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

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