सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
अपनी कमियों और अवगुणों में
सुधार करते है। बल्कि,
अपनी कमियों को छिपाकर
दूसरों से ईर्ष्या करना,
मूर्खों का काम है
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
अपनी कमियों और अवगुणों में
सुधार करते है। बल्कि,
अपनी कमियों को छिपाकर
दूसरों से ईर्ष्या करना,
मूर्खों का काम है