सजी भाल पर जैसे बिन्दी
“हिन्दी है स्वाभिमान”,
काव्य सलिला,दिनांक-१४-९-२०२२,बुधवार,
जय मां शारदे!
सभी हिंदी प्रेमियों को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई व अनंत शुभकामनाएं।
हिंद देश की भाषा प्यारी।
सारे जग में हिंदी न्यारी। ।
वर्ण-वर्ण इसका अनुपम है।
भाषाओं का यह उद्गम है।।
ब्रजभाषा हो या हो अवधी।
हो भोजपुरी या बुंदेली ।।
बोलचाल में बहुभाषी है।
लेकिन सबकी अधिशासी है।।
अतुलित इसका भंडारण है।
सरल सुगम सा उच्चारण है।।
सबका ही मन हर लेती है।
वश में अपने कर लेती है।।
कहीं खड़ी है कही नर्म है।
अभिव्यक्ति ही सतत धर्म है।।
भेदभाव से सदा परे है।
सबके मन की बात कहे है।।
हम सब की ही प्यारी हिंदी ।
सजी भाल पर जैसे बिन्दी। ।
आओ यह संकल्प करें अब।
अपनाएं हम इसको ही सब। ।
अटल मुरादाबादी