सजा में सुकून
सजा में सुकून
बेकसूर होने के बावजूद
कटघरे में था मैं
गवाह थे सतपुरुष
गवाह थे दरवेश
गवाह थे एक से बढ़कर एक
अपने-बेगाने सब थे विरुद्ध
जुर्म कबूल
करने के अतिरिक्त
मेरे पास नहीं था कोई चारा
अपेक्षित था निर्णय
सख्त सजा का
सजा तो मिली
लेकिन हो गया पर्दाफाश
सतपुरुषों की सच्चाई का
दरवेशों की भलाई का
अपनों की बेवफाई का
बेगानों की कार्यवाही का
मुझे उस सजा में भी
सुकून मिला
-विनोद सिल्ला©