सजल : तिरंगा भारत का
59—- सजल
पदान्त—- अता
समान्त—- देख तिरंगा भारत का
मात्रा भार —30
आसमान से बातें करता देख तिरंगा भारत का।
तूफानों से खेला करता देख तिरंगा भारत का।
तेज हवा झोंके सहता है दुश्मन के धोखे सहता
निर्भय हो लहराता रहता देख तिरंगा भारत का।।
संग रखता धनी निर्धन को गोद समेटे रहता है
सब की छाया बन कर रहता देख तिरंगा भारत का।
समय समय पर परखा जाता सैनिक से लिपटा जाता
खेलों में भी खूब फहरता देख तिरंगा भारत का।
जन्मा आजादी के रण में जोश भर रहा कण कण में
पल पल आजादी गहरता देख तिरंगा भारत का।
एक नई पहचान बना था एक नया सम्मान बना था
दुश्मनों के दिल को दहता देख तिरंगा भारत का।
सुशीला जोशी, विद्योत्तमा
मुजफ्फरनगर उप्र