सजदा …
सजदा …
सजदा करूँ तेरा ख़ुदा या पूजूँ मैं इंसान को
भूल बैठा है ये इंसां आज तेरे ..एहसान .को
कौन जाने तू कहाँ है फ़र्श पर .या .अर्श पर
बन के स्वयंभू चला रहा है वो तेरे जहान को
सुशील सरना
सजदा …
सजदा करूँ तेरा ख़ुदा या पूजूँ मैं इंसान को
भूल बैठा है ये इंसां आज तेरे ..एहसान .को
कौन जाने तू कहाँ है फ़र्श पर .या .अर्श पर
बन के स्वयंभू चला रहा है वो तेरे जहान को
सुशील सरना