सच सच बौलिये जी __ (घनाक्षरी)
सच सच बौलिए जी,जीवन में तुमने तो।
नेकी वाले काम भाई,कितने कराएं है।।
अपने पराए सब एक जैसे मानकर।
संग संग सब के क्या,सपने सजाएं है।।
दिया न हो दुख कभी,किसी के न सुख छीने।
कितनों के लिए हाथ,अपने बढ़ाएं है।।
अंतर्मन टटोलिए,फिर कुछ बोलिए जी।
सटीक ही प्रश्न यह,हमने उठाएं है।।
राजेश व्यास अनुनय