Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Sep 2019 · 3 min read

सच बोल…ये काला कौआ काट खाएगा

कोई व्यक्ति देश के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए इस कदर कैसे झूठ बोल सकता है, क्या पद की गरिमा का उसे जरा-सा भी खयाल नहीं है. आपको भी यह पता है कि यह बात अखबारों में सुर्खियां भी बनी थी जो प्रधानमंत्री मोदी के आॅफिस पीएमओ से आॅफिशियल ट्वीट किया गया था-‘आजादी के बाद 67 सालों में 65 एयरपोर्ट बने जबकि पिछले चार साल में 35 एयरपोर्ट चालू हुए और अब उनकी संख्या 100 पहुंच गई है. यानी मिस्टर फास्ट उर्फ मोदी के मुताबिक पिछली सरकारों में हर साल एक एयरपोर्ट भी नहीं बना जबकि उनकी सरकार में हर साल नौ हवाईअड्डे चालू हुए. भक्तों से माफी चाहता हूं, आप भले ही उन्हें मिस्टर विकास या मिस्टर फास्ट कहते रहें, मैं तो उन्हें मिस्टर लायर ही कहूंगा अर्थात श्रीमान असत्यवादी.
अब सरकारी आंकड़ों से ही हकीकत समझिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ही 2013-14 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार देश में 31 मार्च 2014 तक के आंकड़ों के मुताबिक एएआई के पास 125 हवाईअड्डे थे. इनमें से 94 चालू हालत में थे और 31 बंद पड़े थे और पिछले दिनों लोकसभा में 19 जुलाई 2018 और 8 अगस्त 2018 को दिए गए जवाब के अनुसार 129 हवाईअड्डों में से 101 चालू हालत में हैं जबकि 28 बंद पड़े हैं.
यानी यह बिल्कुल साफ है कि पिछले चार साल में सात हवाई अड्डे ही चालू किए गए हैं और सिक्किम के पाक्योंग हवाईअड्डे की जो बात ट्वीट में की गई थी, उस एयरपोर्ट का 83 फीसदी काम 2014 में पूरा हो गया था. सिर्फ बचा हुआ 17 फीसदी काम साढ़े चार साल में पूरा हुआ है और इसे मोदी जी अपनी महान उपलब्धि बता रहे हैं. है न अजब-गजब. मोदी जी के इस अजब-गजब पर आपको गुस्सा नहीं आता?
प्रधानमंत्री मोदी के राज में यह जो झूठ बोलने की संस्कृति विकसित हुई है, यह बहुत खतरनाक है इसका असर ऊपर से नीचे की तरफ आया है. भाजपा सरकार के मंत्री भी अब खुलकर झूठ बोल रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि उनका सरदार ही झूठों का सरदार है. मोदी जी के झूठे साबित हुए बयानों की बहुत लंबी फेहरिस्त है. उन्होंने तो लाल किले से भी झूठ बोला है, चुनावी रैलियों की बात तो छोड़ ही दीजिए. मोदीजी की झूठ बोलने की छवि तो अब मुहावरा के रूप में भी प्रचारित हो रही है. कुछ दिन पहले की बात है में सिटी बस के इंतजार में नागपुर शहर के इंदोरा चौक पर खड़ा था. वहां जसवंत टाकीज में फिल्म देखने आए कॉलेज विद्यार्थी आपस में गपिया रहे थे. इसी बीच एक लड़की की यह बात मुझे सुनाई दी जो वह अपनी सहेली से कह रही थी- ‘‘सच सच बता रे, झूठ मत बोल, मोदी टाइप की बात तो नहीं कर रही है. ’’
दुनिया में हमारे देश का नाम रोशन करने वाले (हमारे देश का नाम पहले दुनिया में नहीं जाना जाता था!) यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के कुछ प्रसिद्ध झूठ पेश हैं:
* विश्वप्रसिद्ध तक्षशिला या टेक्सिला विश्वविद्यालय बिहार में था.
* चीन अपनी जीडीपी का 20 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करता है.
* सिकंदर महान को गंगा नदी के तट पर बिहारियों ने हराया था.
* गुजरात में देश में सबसे अधिक विदेशी पूंजी निवेश होता है.
* नर्मदा पर बांध बनने पर लोगों को मुफ्त बिजली मिलेगी.
* जब शहीद भगतसिंह, बटुकेश्वर दत्त और वीर सावरकर देश की आजादी के लिए जेल में लड़ रहे थे, कोई कांग्रेस नेता उनसे मिलने नहीं गया था.
* कबीर, गुरुनानक और बाबा गोरखनाथ एक साथ बैठकर सत्संग करते थे.
* एक हफ्ते में 8 लाख 50 हजार शौचालय हमने बनाए.
प्रधानमंत्री मोदी अगर इसी रफ्तार के साथ झूठ बोलते रहे तो शायद 20 साल बाद जब बच्चे परीक्षा देने जाएंगे तो उनके प्रश्नपत्र में ऐसे प्रश्न आएंगे ‘इतिहास पर बोले गए मोदी के पांच झूठ का विवरण दीजिए’ अथवा अर्थव्यवस्था पर आधारित मोदी जी के पांच झूठ का विश्लेषण कीजिए? मोदी जी के इन झूठों पर मुझे दिलेर मेहंदी का गाया एक गीत याद आ गया- ‘सच बोल ये काला कौआ काट खाएगा. ये पंक्तियां इस लेख के संदर्भ में फिट बैठती हैं. खैर अंत में मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध मंचीय कवि राहत इंदौरी के एक गजल की अंतिम चार पंक्तियां इस संदर्भ में पेश हैं:
‘‘कुछ और काम उसे याद ही नहीं शायद,
मगर वो झूठ बहुत शानदार बोलता है।
तेरी जुबान कतरना बहुत जरूरी है,
तुझे ये मर्ज है तू बार-बार बोलता है।।’’
-27 जनवरी 2019, रविवार को फेसबुक में पोस्ट शेयर किया था.

Language: Hindi
Tag: लेख
6 Likes · 1 Comment · 477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पैमाना सत्य का होता है यारों
पैमाना सत्य का होता है यारों
प्रेमदास वसु सुरेखा
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
कृति : माँ तेरी बातें सुन....!
VEDANTA PATEL
अर्थी चली कंगाल की
अर्थी चली कंगाल की
SATPAL CHAUHAN
आओ गुफ्तगू करे
आओ गुफ्तगू करे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
साकार नहीं होता है
साकार नहीं होता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
वक़्त को वक़्त
वक़्त को वक़्त
Dr fauzia Naseem shad
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
manjula chauhan
वह व्यवहार किसी के साथ न करें जो
वह व्यवहार किसी के साथ न करें जो
Sonam Puneet Dubey
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
Rj Anand Prajapati
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
Otteri Selvakumar
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
कवि रमेशराज
जीवन का मूल्य
जीवन का मूल्य
Shashi Mahajan
■आज का सवाल■
■आज का सवाल■
*प्रणय प्रभात*
खैरात में मिली
खैरात में मिली
हिमांशु Kulshrestha
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
अब मत पूछो
अब मत पूछो
Bindesh kumar jha
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
भारतवर्ष महान
भारतवर्ष महान
surenderpal vaidya
राह हमारे विद्यालय की
राह हमारे विद्यालय की
bhandari lokesh
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
Piyush Goel
3980.💐 *पूर्णिका* 💐
3980.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुछ भी नहीं हमको फायदा, तुमको अगर हम पा भी ले
कुछ भी नहीं हमको फायदा, तुमको अगर हम पा भी ले
gurudeenverma198
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"डंकिनी-शंखिनी"
Dr. Kishan tandon kranti
*
*"संकटमोचन"*
Shashi kala vyas
चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...