–सच कड़वा ही होता है —
आज का चलन है कि शादी बिरादरी से बाहर हो रही है, पर सही बात तो यही है, कि शादी अपने बिरादरी में होनी चाहिए।। तत्काल तो उस के परिणाम नहीं मिल पाते, पर दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होते। क्यूँ की…सच कहा किसी ने , अपने में खुश रहो, दूसरे में जाओगे तो शायद पछताओगे।। जरुरी नहीं कि सब तुम्हे अपना समझे, पर बातों से समझ आता है, कि यह जो हुआ गलत हुआ.. ख़ुशी दो-चार लोग तो दे देंगे, पर जरुरी नहीं कि सारी ख़ुशी आपको बाकी सब से मिले।। इंसान कटा कटा सा रहता है, दिल का हाल किसी से नहीं कहता है. .एक कश्मकश, एक अजीब सी हलचल से मन भरा रहता है, कहने को अपने रिश्तेदार होते है, सच तो यह है, कि आपके लिए उन के पास समय नहीं होता है, पास आओगे तो आव भगत कर देंगे, आपको लगेगा, कि इन से ज्यादा मेरा नजदीकी कोई है ही नहीं, या हो ही नहीं सकता।।। पर थोड़ी सी दुरी के बाद , समझ आता है, कि यह मेरा अपना है भी कि नहीं , जब इंसान अपने घर वापिस आता है। आज का समय ऐसा की सब के हाथ में मोबाइल है , पर उस पर वक्त नहीं कि कोई आपका हाल पूछ ले, दो-चार को छोड़कर।।बाकी सब अपनी मस्ती में मस्त है, इतने मस्त न जाने किस चीज के नशे में गुम हैं, न जाने किस घमंड में चूर हैं.. एक टीस सी बाकी रह जाती है, जब पैसा नहीं दिल से इज्जत भी नहीं की जाती है, पैसा तो कोई भी कमा सकता है, पर दिल पर राज करे कोई, ऐसा मिलना बहुत मुश्किल है। न जाने आजकल के रिश्तों में ऐसी कड़वाहट क्यूँ है, न जाने दिल की जगह पैसे ने क्यूँ ली है. न जाने क्यूँ अकेलापन सा होता है सब के ही होने के बाद, पर सच है ये, कि गैर बिरादरी वाला हमेशा गैर ही होता है. …जय श्री राम। …
अजीत कुमार तलवार
मेरठ