सच को खोना नहीं ,
सच को खोना नहीं ,
सच से मुकरना नहीं,
वक्त से गुजरना सही,
झूठे संग रहना नहीं ,
अपनों से टूटना नहीं ।
रिश्तो में रूठना-मनाना सही ।
किसी कीमत पर विश्वास खोना नहीं।
-डॉ .सीमा कुमारी।
7-10-024 की स्वरचित रचना है मेरी।
सच को खोना नहीं ,
सच से मुकरना नहीं,
वक्त से गुजरना सही,
झूठे संग रहना नहीं ,
अपनों से टूटना नहीं ।
रिश्तो में रूठना-मनाना सही ।
किसी कीमत पर विश्वास खोना नहीं।
-डॉ .सीमा कुमारी।
7-10-024 की स्वरचित रचना है मेरी।