सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
इस दुनिया में हमने यारों सीखा तो बस इतना ही सीखा
हर इंसान पर मुखौटा झूठ का हर घर डेरा झूठ का देखा
हम ही ठहरे नादान जिसने सच के सिवा कुछ ना सीखा
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश।