सच कहता हूँ…
सच कहता हूँ मैं
मेरी बात पर गौर करो
बुरी संगत में पड़कर
न अपने आप को बर्बाद करो।
भूल चुके हो अपने आप को
कि कौन हूँ मैं
अरे इन्सान हो
इन्सानियत पर न वार करो ।
मनुज है तू ,असंवेदित प्राणी नहीं
क्या सो गया है तेरा जमीर
तेरी आँखों में पानी नहीं ।
जिस राह पर तू चल रहा है
सीना तानकर
क्या जानता है, तुझे ये ले जायेगा
किस मोड़ पर ।
इसलिए…
सच कहता हूँ
मेरी बात पर गौर करो
इन्सान हो
इन्सानियत पर न वार करो ।।
– आनन्द कुमार