“सच्ची समझ”
“सच्ची समझ”
बच्चों आओ सुनाऊं तुम्हें
एक ढोंगी राम की कहानी,
करते थे सुबह उठ पूजा
कहलाते थे ज्ञानी, ध्यानी ।
एक दिन गांव में पड़ गया अकाल,
सब दौड़े उनके पास
हो रहे थे बेहाल।
वह बोला , ये प्रभु का है कोप अपार,
बताता हूँ चार मंत्र, कर देंगे बेड़ा पार ।
तभी गुजरा वहां से एक आत्मज्ञानी,
उसने सुनी सबकी व्यथा, ले आंखों में पानी
उसने बोला सब मिलकर प्रयास करेंगे ,
निकालेंगे धरती से पानी,
होगा गांव, फिर से हरा भरा
जो हम सब ने ठानी ।
ये सुन कर छाई खुशी की लहर गांव में,
सब आनन्दित थे, उत्साह भाव में
ढोंगी राम में भी हुआ, हृदय परिवर्तन,
समर्पित किया सबको, अपना तन मन ।
✍वैशाली
1.12.2020
जकार्ता