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1 Jun 2023 · 1 min read

सच्ची यारी

आजकल करता नहीं कोई सच्ची यारी है
हर तरफ बस धोख़ा, छल और मक्कारी है.

सौ-सौ ईमानदारों पर आज
एक बेईमान भारी है
हर तरफ बस, धोख़ा छल और मक्कारी है.

गरीबों की झोपड़ी पर है सबकी नज़र
और दिखती नहीं अमीरों की अटारी है
हर तरफ बस धोख़ा, छल और मक्कारी है.

भरी सभा में लूट रही रोज कई द्रौपदी
और मूक दर्शक बन देखना कैसी ये लाचारी है
हर तरफ बस धोख़ा, छल और मक्कारी है.

राजीव रोहतासी
मो-8210666825

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