सच्ची बातें
जो नशे में है
उनसे कोई डर नहीं
होश वालों से
डर लगता आज तो
है जो मुफलिसी में
उनको कोई गम नहीं
भूख बढ़ रही है
पैसे वालों की आज तो।।
जो कह देते है
अपने दिल की बात
तभी सुकून से
रह पाते है फिर वो
जो दबा देते है
दिल की बात दिल में ही
ज़िंदगी भर कहां
रह पाते है चैन से फिर वो।।
जो कुछ कर नहीं पाते
ज़िंदगी में अपनी
सपने बेचते है फिर वो
जा कर लोगों के बीच
बिक जाए अच्छे से अगर
एक बार सपने लोगों में
फिर वो नज़र नहीं आते
लोगों को लोगों के बीच।।
जाने क्यों कर दिया
उस रब ने बेघर उन्हें
छोड़ दिया है सड़कों पर
जाने किसके भरोसे
है नज़र सड़कों पर
कुछ भेड़ियों की हमेशा
झपट जायेंगे उन पर
बचे वो, किसके भरोसे।।
बारिश की
एक बूंद के लिए
है कई पपीहे
आस लगाए बैठे
मिलेगी ये बूंद
सिर्फ उनको ही
जो है मालिक के
पास आए बैठे।।