सच्चा सौन्दर्य
एक मिनट के,
साठवें हिस्से में ही,
पता चल जाता है –
चेहरा कितना सुन्दर है !
सिर्फ साठवें वर्ष तक,
वही सुन्दरता,
कई प्रकाश वर्ष
दूर चली जाती है !!
किन्तु ,
एक हृदय,
कितना सुन्दर है ?
पहचानने में,
सदियाँ बीत जाती हैं !
‘चन्दन’ के भस्म चिता से,
एक सच्चे हृदय को,
बीनने में,
सहस्राब्दियाँ लग जाती हैं !!!
-चन्दन कुमार ‘मानवधर्मी’
आजमगढ़।