सच्चा मित्र
सच्चा मित्र
जिससे हो मन की बात सहज, संभाषण हो, मित्र वही,
साथ लगे जिसका अपना सा, सच्चरित्र हो, मित्र वही।
हर सुख-दुख में जो संग खड़ा, छाया बनकर चलता हो,
दिल की गहराई समझ सके, वो सच्चा हो, मित्र वही।
गोपनीयता का मान रखे, हर राज़ सहेज के रख ले,
जिस पर विश्वास किया जाए, वो अमृत हो, मित्र वही।
स्वार्थ से ऊपर जो उठ जाए, प्रेम का दीप जलाता हो,
सच्चाई का जो संग दे, वो निर्मल हो, मित्र वही।
जीवन की राहों में जो हर मोड़ पर साथ निभाए,
कभी न छोड़े मुश्किल में, वो अनमोल हो, मित्र वही।
मिल जाए ऐसा कोई अगर, तो जीवन धन्य हो जाए,
जिसने पाया उसको समझो, पुण्यवान हो, मित्र वही।