सच्चा प्यार
देखने में
मैं चाहे उतना
सुंदर न होऊं!
रात-दिन
मैं चाहे जितनी
गल्तियां करूं!
उसके लिए
मैं चाहे कुछ भी
न करता होऊं!
फिर भी
जो मेरा साथ
न छोड़े!
ऐसा प्यार
मुझे और कौन
कर सकता है
मां के सिवाय!
प्यार को बिल्कुल
मां की तरह
होना चाहिए!
(उन प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए जो
जरा-सी बात पर एक-दूसरे का साथ
छोड़ दिया करते हैं!)
Shekhar Chandra Mitra
#SelfCriticism
#प्यारकामतलबमांहोताहै!