Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2024 · 1 min read

सच्चाई

*कविता – सच्चाई

जो ना बताई जाए
वह सच्चाई है
जो ना बनाई जाए
वह सच्चाई है
जो न छुपाई जाए
वह सच्चाई है
जो ना मिटाई जाए
वह सच्चाई है
सच्चाई किसी प्रमाण की
मोहताज नहीं
सच्चाई कांटो की डगर है
सिंहासन या ताज नहीं
सच्चाई किसी बाहुबली
का दल या बल नहीं
सच्चाई आत्मा का गहना है
माया का छल नहीं
सच्चाई पहनी , सजाई या
ओढ़ी नहीं जाती
जिनका जीवन सच की
पाठशाला में बीता हो
उनसे सच्चाई छोड़ी नहीं जाती* ।।

*( सर्वाधिकार सुरक्षित मौलिक अप्रकाशित स्वरचित रचना सीमा वर्मा )*

4 Likes · 1 Comment · 65 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Seema Verma
View all
You may also like:
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
अब नहीं बजेगा ऐसा छठ का गीत
अब नहीं बजेगा ऐसा छठ का गीत
Keshav kishor Kumar
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आ भी जाओ
आ भी जाओ
Surinder blackpen
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
3045.*पूर्णिका*
3045.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समन्दर से भी गहरी
समन्दर से भी गहरी
हिमांशु Kulshrestha
गज़ल
गज़ल
करन ''केसरा''
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
Sandeep Kumar
हर इक शाम बस इसी उम्मीद में गुजार देता हूं
हर इक शाम बस इसी उम्मीद में गुजार देता हूं
शिव प्रताप लोधी
बुन्देली दोहा - बिषय-चपेटा
बुन्देली दोहा - बिषय-चपेटा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन में निरंतर जलना,
जीवन में निरंतर जलना,
जय लगन कुमार हैप्पी
★ किताबें दीपक की★
★ किताबें दीपक की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
“अपना बना लो”
“अपना बना लो”
DrLakshman Jha Parimal
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।
Phool gufran
गुरूर  ना  करो  ऐ  साहिब
गुरूर ना करो ऐ साहिब
Neelofar Khan
सिर्फ जो उठती लहर व धार  देखेगा
सिर्फ जो उठती लहर व धार देखेगा
Anil Mishra Prahari
*कैसे हार मान लूं
*कैसे हार मान लूं
Suryakant Dwivedi
*चालू झगड़े हैं वहॉं, संस्था जहॉं विशाल (कुंडलिया)*
*चालू झगड़े हैं वहॉं, संस्था जहॉं विशाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चमन यह अपना, वतन यह अपना
चमन यह अपना, वतन यह अपना
gurudeenverma198
राम
राम
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
अंसार एटवी
“जो पानी छान कर पीते हैं,
“जो पानी छान कर पीते हैं,
शेखर सिंह
बेवजह किसी पे मरता कौन है
बेवजह किसी पे मरता कौन है
Kumar lalit
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
पाती
पाती
डॉक्टर रागिनी
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
VINOD CHAUHAN
😊न्यूज़ वर्ल्ड😊
😊न्यूज़ वर्ल्ड😊
*प्रणय*
हिंदू सनातन धर्म
हिंदू सनातन धर्म
विजय कुमार अग्रवाल
लड़कियां जिसका भविष्य बना होता है उन्हीं के साथ अपना रिश्ता
लड़कियां जिसका भविष्य बना होता है उन्हीं के साथ अपना रिश्ता
Rj Anand Prajapati
Loading...