Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2018 · 2 min read

सच्चाई से रूबरू अर्जुन की कलम के जरिए

सच्चाई से रूबरू अर्जुन की कलम के जरिए

एक महिला रोज मंदिर जाती थी ! एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी !

इस पर पुजारी ने पूछा — क्यों ?

तब महिला बोली — मैं देखती हूँ लोग मंदिर परिसर में अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते हैं ! कुछ ने तो मंदिर को ही गपशप करने का स्थान चुन रखा है ! कुछ पूजा कम पाखंड,दिखावा ज्यादा करते हैं !

इस पर पुजारी कुछ देर तक चुप रहे फिर कहा — सही है ! परंतु अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले क्या आप मेरे कहने से कुछ कर सकती हैं !

महिला बोली -आप बताइए क्या करना है ?

पुजारी ने कहा — एक गिलास पानी भर लीजिए और 2 बार मंदिर परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइए । शर्त ये है कि गिलास का पानी गिरना नहीं चाहिये !

महिला बोली — मैं ऐसा कर सकती हूँ !

फिर थोड़ी ही देर में उस महिला ने ऐसा ही कर दिखाया ! उसके बाद मंदिर के पुजारी ने महिला से 3 सवाल पूछे –

1.क्या आपने किसी को फोन पर बात करते देखा?

2.क्या आपने किसी को मंदिर में गपशप करते देखा?

3.क्या किसी को पाखंड करते देखा?

महिला बोली — नहीं मैंने कुछ भी नहीं देखा !

फिर पुजारी बोले — जब आप परिक्रमा लगा रही थीं तो आपका पूरा ध्यान गिलास पर था कि इसमें से पानी न गिर जाए इसलिए आपको कुछ दिखाई नहीं दिया|

अब जब भी आप मंदिर आयें तो अपना ध्यान सिर्फ़ परम पिता परमात्मा में ही लगाना फिर आपको कुछ दिखाई नहीं देगा| सिर्फ भगवान ही सर्वत्र दिखाई देगें|

” जाकी रही भावना जैसी ..
प्रभु मूरत देखी तिन तैसी|”

जीवन मे दुःखो के लिए कौन जिम्मेदार है ?

?ना भगवान,
?ना गृह-नक्षत्र,
?ना भाग्य,
?ना रिश्तेदार,
?ना पडोसी,
?ना सरकार,

जिम्मेदार आप स्वयं है|

1) आपका सरदर्द, फालतू विचार का परिणाम|

2) पेट दर्द, गलत खाने का परिणाम|

3) आपका कर्ज, जरूरत से ज्यादा खर्चे का परिणाम|

4) आपका दुर्बल /मोटा /बीमार शरीर, गलत जीवन शैली का परिणाम|

5) आपके कोर्ट केस, आप के अहंकार का परिणाम|

6) आपके फालतू विवाद, ज्यादा व् व्यर्थ बोलने का परिणाम|

उपरोक्त कारणों के अलावा सैकड़ों कारण है और बेवजह दोषारोपण दूसरों पर करते रहते हैं | इसमें ईश्वर दोषी नहीं है|
अगर हम इन कष्टों के कारणों पर बारिकी से विचार करें तो पाएंगे की कहीं न कहीं हमारी मूर्खताएं ही इनके पीछे

अर्जुन भास्कर
भोपाल मध्यप्रदेश
arjunbhaskar511@gmail.com

Language: Hindi
410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रसव
प्रसव
Deepesh Dwivedi
अंतस किवाड़ ऊगडै, गुरु मुख सुणया ग्यांन।
अंतस किवाड़ ऊगडै, गुरु मुख सुणया ग्यांन।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मेरे हाल से बेखबर
मेरे हाल से बेखबर
Vandna Thakur
इक्षाएं
इक्षाएं
शिवम राव मणि
क्यों नहीं आती नींद.
क्यों नहीं आती नींद.
Heera S
बंदिशें
बंदिशें
Kumud Srivastava
"साधक के गुण"
Yogendra Chaturwedi
क्यों तुम्हें याद करें
क्यों तुम्हें याद करें
gurudeenverma198
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
Shweta Soni
Shiftme movers and packers in hadapsar
Shiftme movers and packers in hadapsar
Shiftme
*भावों  मे  गहरी उलझन है*
*भावों मे गहरी उलझन है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#दुःखद_दिन-
#दुःखद_दिन-
*प्रणय*
इस दिवाली …
इस दिवाली …
Rekha Drolia
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
shabina. Naaz
यहां  ला  के हम भी , मिलाए गए हैं ,
यहां ला के हम भी , मिलाए गए हैं ,
Neelofar Khan
3190.*पूर्णिका*
3190.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दर्द का फलसफा
दर्द का फलसफा "
Dr. Kishan tandon kranti
शर्माया चाँद
शर्माया चाँद
sheema anmol
वो क्या देंगे साथ है,
वो क्या देंगे साथ है,
sushil sarna
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
काल का पता नही कब आए,
काल का पता नही कब आए,
Umender kumar
नज़र से जाम पिलाने का कोई सबब होगा ।
नज़र से जाम पिलाने का कोई सबब होगा ।
Phool gufran
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
आप पाएंगे सफलता प्यार से।
सत्य कुमार प्रेमी
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Think Positive
Think Positive
Sanjay ' शून्य'
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
जीवन मे
जीवन मे
Dr fauzia Naseem shad
Loading...