सचिन के दोहे
#नमन_मंच
#विधा – दोहा छंद
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वीरों के बलिदान का, लोगे कब प्रतिकार।
भाषणबाजी से नहीं, अब होगी जयकार।।१।।
वीर सहीदो ने कई, हमसे किये सवाल।
सेना में क्यो हैं नहीं, नेताओं के लाल।।२।।
अधम पड़ोसी ने किया, सदा पीठ पर वार।
नेताजी को आज भी, क्यों है उससे प्यार।।३।।
बदला हम लेंगे अभी, कहते हो सरकार।
भाषणबाजी से कभी, सधे नहीं प्रतिकार।।४।।
नैतिकता को ताक पे, रख छोड़े हैं आप।
गदहे को मत के लिए, बोल रहे हैं बाप।।५।।
…….स्वरचित, स्वप्रमाणित
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण, बिहार।