सचमुच का सन्यासी
यह दिल
पान का पत्ता होना
चाहिए था
पीपल का पत्ता
कैसे हो गया
दुनिया के रंग में
रंगना चाहिए था इसे
यह एक जोगी बनकर
मंदिरों से घिरे
गंगा के घाट की
सीढ़ियों पर
संसार के सारे सुख त्याग कर
एक दुखों के बोझ तले दबा
सचमुच का सन्यासी
कैसे बन गया।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001