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9 Jan 2022 · 1 min read

सगा होके दगा दिया __ घनाक्षरी

सगा हो के दगा दिया अच्छा नहीं तूने किया ।
कुछ तो न लिया तेरा सुन मेरे भाई रै।।
काम दोनो करते थे निज राह चलते थे।
करते थे दोनो हम अपनी कमाई रै।।
फिर काहे बैर किया _ तोड़ दिया मेरा हिया।
चाही मैने फिर भी तो,तेरी ही भलाई रै।।
मत कर अभिमान अनुनय बात मान ।
छोड़ यह खींचतान प्रीत हमे भायी रै।।
राजेश व्यास अनुनय

2 Likes · 2 Comments · 233 Views
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