सखी री सावन मास निराला
सखी री सावन मास निराला
जप तक नियम शिव आराधना
तन मन को भिगोने वाला
सखी री सावन मास निराला
रिमझिम रिमझिम पढ़ें फुहारें
मेघ मल्हार सुनाने वाला
सखी री सावन मास निराला
धरती ओढ़े धानी चुनरिया
बादल काला काला
झूम उठे जल जंगल जमीन
मन मोर हुआ मतवाला
सखी री सावन मास निराला
प्रेम मगन धरती और गगन
श्रंगार बड़ा है आला
बरस रहा है प्रेमामृत
प्रेम प्रीत जगाने वाला
सखी री सावन मास निराला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी