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13 Aug 2019 · 1 min read

सखी री मोरी मेहंदी है रंग लाई।

सखी री मोरी मेहंदी है रंग लाई
लाल लाल रंग रंगी हथेली प्रीतम के मन भाई ।

सुबह पहर से बैठ अंगनवा
रुचि रुचि खूब लगाई
प्रीत रंग मैं रंगी निगोड़ी
सुधि बुधि सब बिसराई

सखी री मोरी मेहंदी है रंग लाई
लाल लाल रंग रंगी हथेली प्रीतम के मन भाई ।

छुपा छुपा सा नाम लिख दिया
पिय की मति भरमाई
जितनी गहरी चाहत उनकी
उतनी चटख सुहाई

सखी री मोरी मेहंदी है रंग लाई ।
लाल लाल रंग रंगी हथेली प्रीतम के मन भाई।

भीनी भीनी खुशबू आई
बहका मनवा जाई
लाल रंग के जादू से
मोरा बलम उबर ना पाई

सखी री मोरी मेहंदी है रंग लाई
लाल लाल रंग रंगी हथेली प्रीतम के मन भाई ।

अनुराग दीक्षित

Language: Hindi
1 Like · 411 Views
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