सखी री बरस रहा सावन _ गीत
सखी री बरस रहा सावन ।
मेरे भी आ जाएं साजन।
आ जाएं साजन सखी री ,
आ जाएं साजन।
मेरा हे सूना यह आंगन,
सखी री बरस रहा सावन।।
काली घटाओं के पहरे से ,
दिन भी तो अब रात लगे।
देख के रिमझिम बूंदों को तो,
मेरे भी जज्बात जगे।।
नैनों की नदियों में बाढ़ आ गई,
फिर भी प्यासा प्यासा तन।
सखी री बरस रहा सावन।
मेरे भी आ जाए साजन।।
राजेश व्यास अनुनय