सखी छन्द
14 मात्राएं अंत 122 या 222 से
कोरोना बढ़ता जाता
डर हमको बहुत सताता
अब जेब हुई है खाली
छायी हम पर कंगाली
अब कैसे करें गुजारा
कोरोना ने है मारा
ना बिजनिस कोई मेरा
है बिपदा ने यूँ घेरा
अदम्य
14 मात्राएं अंत 122 या 222 से
कोरोना बढ़ता जाता
डर हमको बहुत सताता
अब जेब हुई है खाली
छायी हम पर कंगाली
अब कैसे करें गुजारा
कोरोना ने है मारा
ना बिजनिस कोई मेरा
है बिपदा ने यूँ घेरा
अदम्य