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1 Aug 2018 · 1 min read

सखियाँ झूला झूलतीं

हरियाली लेकर पुन:, आया सावन मास !
सखियाँ झूला झूलतीं,मन मे भर उल्लास !!

यही सोच कर जोड़ती, सावन मे प्रभु हाथ !
झूलें झूला झूमकर,… . प्रियतम मेरे साथ ! !

झूलें झूला संग मे,….. यूँ मेरे चितचोर !
ज्यों राधा के साथ मे,झूलें नन्दकिशोर !!
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 520 Views
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