#सकारात्मक ऊर्जा” #100 शब्दों की कहानी#
2005 में हम सासुमां को हार्ट बाईपास सर्जरी हेतु अपोलो अस्पताल लेकर पहुंचे, समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करने के पश्चात जैसे-जैसे तिथि पास आ रही, सासुमां उतनी ही घबरा रहीं, इसी घबराहट में शुगर बढ़ने से दो बार तिथि आगे बढ़ गई जबकि 90% ब्लॉकेज था ।
इसके विपरित एक सज्जन जिनका 100% ब्लॉकेज होने के बाद भी पूर्ण रूप से सकारात्मक ऊर्जा के साथ सासुमां को ढ़ाढ़स दे रहे । जिसके परिणामस्वरूप सर्जरी सफल रही और उस दिन मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई । मैं तब से हर परिस्थिति को सकारात्मक ऊर्जा के साथ ही स्वीकारने लगी।