“सकारात्मकता”
“सकारात्मकता”
राहत का द्वार, खुल जाए तो क्या..शांति का पाठ पढ़ कर तो देख!
मार्ग पर चलना, आसान ना भी हो, तो क्या.. चल कर तो देख!
कभी तो पहचान,वो तस्व्वूर,सोच का क्या क़सूर, जी कर तो देख!
ढांचा एक,पेच अनेक,खोल कर तो देख!
असल है, क्या कसर है,परख कर तो देख!
ख़ुशी और ग़म,एक सच्चाई, किसके हाथ और पास ना आयी, जोड़ कर तो देख!
चलता चल,चलता चल,राह के राहगीर बन,रुक कर ना देख!
विज्ञान का पंख,चाँद को देख!
अपना पराया..इंसान को देख!????
सपना
बैंकॉक (थाईलैण्ड)