*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)
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सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो
1)
फैले जग में विजय-पताका, हिंदी का शुभ नाम हो
घर-बाहर हर जगह विश्व में, हिंदी में हर काम हो
बसी हुई सबकी वाणी में, हिंदी का भंडार हो
2)
भारत के भीतर हम अपना, गौरव हिंदी मानें
हिंदी में ही राष्ट्र बस रहा, श्रद्धा से सब जानें
अपनी भाषा में अपनापन, आत्मीय उद्गार हो
3)
ज्ञान और विज्ञान सभी में, हिंदी बढ़ती पाऍं
सारे उच्च पटल भारत के, ध्वज हिंदी फहराऍं
जहॉं कहीं हम जाऍं हमको, हिंदी से ही प्यार हो
सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451