Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Aug 2021 · 2 min read

संस्मरण

संस्मरण:
भ्रात नेह
जब याद करती हूँ तो स्मृतियों के भँवर में कुचाले भरने लगती हूँ हालंकि एक अन्तराल बीत जाने के बाद स्मृतियों के द्वार पर जाले लग चुके है लेकिन बचपन भी बड़ा मतवाला होता है इन सब बातों से दूर भाई -बहिन का वो प्यार , तू-तू , मैं -मैं से परे भातृ – वात्सल्य की यादें ताजा होती है तो मन करता है कि उड़ जाऊँ सात समुन्दर पार। समय की गति ने जीवन में बहुत से परिवर्तन ला दिये । प्रवासी भारतीय होने के कारण भाई बहिन की दूरी में बहुत इजाफा हुआ पर यादें जो बचपन में अपने पंख पसार चुकी थी वो किसी दूरी की मोहताज नहीं थी स्मृतियों का मजबूत किला बन चुका था। जब भी कोई पर्व आता था सब लोगों का इकट्ठा होना उन अतीत की स्मृतियों को वापस ले आता जब साथ साथ खाना खाने , घूमने -फिरने
चुहलवाजी करते से भाई – भगिनी रस की प्राप्ति होती थी। यूँ तो तकनीकी माध्यमों ने दूरी को समाप्त कर दिया है लेकिन स्नेह के बादल उमराये बिना नहीं रह सकते । भाई का आना बहुत ही उमंग और उत्साह से भरा होता है एक जीवंत माहौल सा लगता है और प्राणों का संचार होने लगता है हो भी क्यों न।
खून के रिश्ते मन की भावनाओं को बंजर नहीं कर सकते है ।वो दुलार , स्नेह भरा हाथ तो सदैव मेरे ऊपर है पर प्रवासी होने के नाते सारी स्मृतियाँ ताजी हो जाती है । स्नेहजनित कसक ही भाई- बहिन के बीच उस सेतु को बाँधे हुए है जिस पर मात्र नेह सागर उमडऩे को आतुर हो जाता है ।

Language: Hindi
79 Likes · 478 Views
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all

You may also like these posts

विदाई समारोह पर ...
विदाई समारोह पर ...
SURYA PRAKASH SHARMA
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
*बेटियॉं जब से कमाने लग गईं (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*बेटियॉं जब से कमाने लग गईं (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
1. चाय
1. चाय
Rajeev Dutta
कौन किसकी कहानी सुनाता है
कौन किसकी कहानी सुनाता है
Manoj Mahato
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत।
यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत।
Abhishek Soni
कुत्ते का श्राद्ध
कुत्ते का श्राद्ध
Satish Srijan
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
धर्म युद्ध
धर्म युद्ध
Jalaj Dwivedi
भारतीय इतिहास का दर्शनशास्त्र अजेय भारत (Philosophy of Indian History Invincible India)
भारतीय इतिहास का दर्शनशास्त्र अजेय भारत (Philosophy of Indian History Invincible India)
Acharya Shilak Ram
पूछूँगा मैं राम से,
पूछूँगा मैं राम से,
sushil sarna
होती क्या है काया?
होती क्या है काया?
Nilesh Premyogi
दुखांत जीवन की कहानी में सुखांत तलाशना बेमानी है
दुखांत जीवन की कहानी में सुखांत तलाशना बेमानी है
Guru Mishra
तेरी याद.....!
तेरी याद.....!
singh kunwar sarvendra vikram
दिल का दर्द
दिल का दर्द
Dipak Kumar "Girja"
मुट्ठी में बन्द रेत की तरह
मुट्ठी में बन्द रेत की तरह
Dr. Kishan tandon kranti
दिल में एहसास
दिल में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़म का दरिया
ग़म का दरिया
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
4234.💐 *पूर्णिका* 💐
4234.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
उस दिल का दराज जला दिया..
उस दिल का दराज जला दिया..
TAMANNA BILASPURI
Offer for God
Offer for God
Mr. Jha
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विज्ञापन कुछ ऐसे भी ☺️😊😊😊😊💐💐
विज्ञापन कुछ ऐसे भी ☺️😊😊😊😊💐💐
MEENU SHARMA
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
दोहा
दोहा
Krishna Kumar ANANT
बावन यही हैं वर्ण हमारे
बावन यही हैं वर्ण हमारे
Jatashankar Prajapati
मां की महत्ता
मां की महत्ता
Mangilal 713
Loading...